Friday, September 26, 2008

कहीं आतंकी तो कहीं अपराध, कैसे बढे पर्यटन

आज २७ सितंबर ो विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है । पूरी दुनिया में पर्यटन ो बढावा देने मकसद से आज के दिन अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं । इस बात पर विचार किया जाता है कि कैसे पर्यटन को बढावा दिया जाए । भारत पर्यटकों के लिए बडा मनोरम स्थल रहा है । यह ऐसा देश है जहां पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सभी प्रकार के स्थल मौजूद हैं । यहां गोवा, मुंबई, चेन्नई, पांडिचेरी जैसे समुद्रतट, ताजमहल जैसी प्रेम प्रदर्शन की बेमिसाल खूबसूरत इमारत, ऊटी, कोडाईकनाल, शिमला, नैनीताल, मसूरी आदि मनमोहक पर्वतीय स्थल, कुतुबमीनार, लालकिला, हवामहल, आमेर का किला समेत अनेक ऐतिहासिक इमारतें, मीनाक्षी मंदिर, तिरुपति बालाजी, वैष्णो देवी, रामेश्वरम, जगन्नाथपुरी, द्वारिकापुरी, बद्रीनाथ जैसे व्यापक आस्था का केंद्र बने तीर्थस्थल, द्वादश ज्योर्तिलिंग का गौरव सहेजे पावनस्थल, हरिद्वार, इलाहाबाद, नासिक जैसे पावन नदियों के तट मौजूद हैं । भारत विविध संस्कृतियों का संगम है । इन सभी कारणों से विदेशियों के मन में भारत को देखने की गहरी इच्छा रहती है । इसीलिए भारत में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं
इन सब स्थितियों के बावजूद िवश्व में भारत की पर्यटन की दृष्टि से स्थिति संतोषजनक नहींहै । वर्ष २००७ में विश्व में पर्यटकों को लुभाने वाले स्थलों में ताजमहल ५०वें स्थान पर है । वर्ष २००६ में पर्यटकों की नजर में सबसे ज्यादा लोकप्रिय १५ नगरों में भारत का कोई शहर नहीं है । ये तथ्य इस बात पर मंथन करने केलिए विवश करते हैं कि कैसे भारत में पर्यटन का विकास किया जाए ? क्या वजह है कि भारत में पर्यटकों की संख्या उतनी नहीं होती जितनी अपेक्षित है ? क्या प्रयास किए जाएं कि भारत में पर्यटन की तस्वीर बदल जाए ?ं पर्यटकों की आमद को कैसे बढाया जाए ?
दरअसल, पर्यटन को विकसित करने के लिए देश में शांति, सुरक्षा और अपराध मुक्त वातावरण जरूरी है । पर्यटक पहले सुरक्षा चाहता है, बाद में दर्शनीय स्थल । उसे धन और जान-माल की सुरक्षा का मजबूत भरोसा चाहिए । भारत में निरंतर बढ़ रही आतंकवादी गतिविधियां, विविध प्रकार के खौफनाक अपराध, जनसुविधाओं का अभाव, बिजली आपूर्ति, सडकों और यातायात साधनों की खस्ताहालत विदेशी पर्यटकों का मोहभंग कर देती है । महिला पर्यटकों के साथ छेडछाड़, बलात्कार और लूटपाट की घटनाओं ने भी पर्यटन को प्रभावित किया है । कई ऐसे स्थल भी हैं जहां पर्यटकों की गैरजानकारी का लाभ उठाकर उनसे अधिक पैसा वसूला जाता है । कई बार पर्यटकों के साथ अभद्र व्यवहार भी किया जाता है । यह सब ऐसे कारण हैं, जो पर्यटकों को भारत आने से रोकते हैं ।
इसलिए जरूरी है कि ऐसा माहौल बनाया जाए जिससे पर्यटक भारत आने के लिए लालायित हों । जिन स्थानों पर पर्यटन का विकास होता है, वहां आर्थिक समृद्धि आती है । अनेक बेरोजगारों को रोजगार मिलता है । होटल, रेस्टोरेंट और टे्रवल कंपनियों की आमदनी बढती है । उन्नति का परिणाम यह होता है कि वे अपराध अपने आप घटने लगते हैं जिनके पीछे कुछ आर्थिक कारण होते हैं । पर्यटन के नए स्थल विकसित करने से उनकी आर्थिक तसवीर बदलने की पूरी संभावना रहती है । भारत की संस्कति का विस्तार होता है । इस सब बातों को ध्यान में रखते हुए जरूरी है कि पर्यटन के े विकास पर ध्यान दिया जाए । सरकार और जनता मिलकर आतंकवाद और अपराधों पर अंकुश लगाएं। देश में पर्यटकों के लिए सुविधाएं बढाई जाएं ताकि उन्हें कोई असुविधा न हो । वह निर्भीक पूरे देश के मनमोहक स्थलों पर विचरण कर सकें । ऐसा होने पर विदेशी मुद्रा की आवक बढेगी और देश की आर्थिक उन्नति होगी ।
(फोटो गूगल सर्च से साभार )

11 comments:

सचिन मिश्रा said...

पर्यटन की ओर ध्यान देने की ज़रूरत है.

रंजन राजन said...

बहुत सही कहा....पर्यटन को विकसित करने के लिए देश में शांति, सुरक्षा और अपराध मुक्त वातावरण जरूरी है। पर्यटक पहले सुरक्षा चाहता है, बाद में दर्शनीय स्थल। उसे धन और जान-माल की सुरक्षा का मजबूत भरोसा चाहिए ।

दीपक said...

आपसे सहमत हुँ! वैसे मुझे आप के मार्फ़त ही पता चला आज पर्यटन दिवस है !आभार

प्रदीप मानोरिया said...

सार्थक और सटीक .. लाज़बाब मज़ा आ गया सर ... मेरे ब्लॉग पर सरकारी दोहे पढने के लिए आपको सादर आमंत्रण है

BrijmohanShrivastava said...

महोदय ,जय श्रीकृष्ण =मेरे लेख ""ज्यों की त्यों धर दीनी ""की आलोचना ,क्रटीसाइज्, उसके तथ्यों की काट करके तर्क सहित अपनी बिद्वाता पूर्ण राय ,तर्क सहित प्रदान करने की कृपा करें

PREETI BARTHWAL said...

सच कहा आपने, पर्यटन की ओर ध्यान देना बहुत जरुरी है, साथ ही विदेशी पर्यटकों की सुरक्षा की ओर भी सरकार को ध्यान देना होगा।

योगेन्द्र मौदगिल said...

बेशक.......
ठीक कहा आपने..
वैसे ये बात वो नहीं सोचते जिन्हें सोचना चाहिये..

दिवाकर प्रताप सिंह said...

सही कहा आपने....आपसे सहमत !

निर्मल गुप्त said...

ashokjee,
i have seen your latest post
dated 2 oct.your way of expression is tremendous.
with regds.
nirmal

निर्मल गुप्त said...

ashokjee,
I am looking forword for your new blog.pl keep on writing.BADE DHAYAN SAY SUN RAHA HAI ZAMANA....
with regds.Nirmal

प्रदीप मानोरिया said...

आपके खूबसूरत ब्लॉग पर सैर कर आनंद होता है आपका मेरे ब्लॉग पर आगमन मेरा सौभाग्य है कृपया आगमन नियमित बनाए रखे
मेरी नई रचना दिल की बीमारी पढने आप सादर आमंत्रित हैं