-डा. अशोक कुमार मिश्र
यूजीसी का एक ही समय
में दो डिग्रियों की पढ़ाई एक साथ करने का मौका देने का मन बना लेने का निश्चित ही
स्वागत किया जाना चाहिए। इस फैसले पर अमल हुआ तो इससे विद्यार्थियों को कई तरह के
फायदे होंगे। वह रेगुलर डिग्री कोर्स के साथ ही ओपन या डिस्टेंस यूनीवसिर्टी से
दूसरी डिग्री हासिल कर सकेंगे। समान विश्वविद्यालय से भी डिग्री के साथ ही सर्टिफिकेट
या डिप्लोमा कोर्स भी कर पाएंगे। इससे छात्र-छात्राओं की डिग्रियां बढेंगी जिससे
उन्हें रोजगार के अधिक अवसर मिलेंगे। ज्ञान का विस्तार होगा। समय की बचत होगी।
लेकिन इसके अपने खतरे भी हैं। सबसे बड़ा खतरा शैक्षिक स्तर का है। क्या दो डिग्री के
अनुरूप वह एक ही समय में वह ज्ञान अर्जित कर पाएंगे, जिसकी यूजीसी अपेक्षा करता
है। विद्यार्थियों के पास डिग्री तो कई हो जाएं लेकिन ज्ञान उनके अनुरूप नहीं हो
पाया तो क्या बेरोजगारों की संख्या नहीं बढ़ेगी। इसलिए जरूरी है कि
विश्वविद्यालयों में शैक्षिक गुणवत्ता बनाए रखने की दिशा में भी कुछ ठोस कदम उठाए
जाने चाहिए। खासतौर से व्यावसायिक पाठ्यक्रमों पर ध्यान दिया जाना चाहिए। डिग्री
को कारगर और रोजगारपरक बनाया जाना चाहिए। तभी उसका लाभ विद्यार्थियों को मिल
पाएगा।
(फोटो गूगल सर्च से साभार)