मेरठ में चलती बस में एक विदेशी युवती से छेड़छाड़ की गई । यह युवती भारत की जिस छवि को अपने मन में लेकर यहां आई होगी, निश्चित रूप से वह जाते समय बदल गई होगी । दरअसल, छेडछाड़ की घटनाएं लगातार बढती जा रही हैं, जिसका बडा व्यापक असर समाज में दिखाई दे रहा है । आधा समाज आज आशंका, दहशत और तनाव के बीच जिंदगी का सफर तय करता है। आज लडकियों को पढ़ाने के प्रति जागरूकता आई है लेकिन उनका स्कूल आना जाना पूरी तरह सुरक्षित नहीं है । स्कूल आते जाते उन्हें मनचलों और शोहदों की फब्तियों का सामना करना पड़ता है । लडकियां और महिलाएं घर की दहलीज से निकलकर रोजगार के विविध क्षेत्रों में योगदान दे रही हैं लेकिन घर से दफ्तर तक का सफर महफूज नहीं है । बसों तक में लडकियों और महिलाओं के साथ छेडछाड़ होती ह ै। कार्यस्थल पर भी महिलाओं के साथ छेडछाड़की घटनाएं सामने आती रहती हैं? छेडछाड़ का भय महिलाओं को हमेशा सताता रहता है । विरोध करने पर उनके साथ मारपीट की जाती है। मेरठ में तो छेडछाड़ का विरोध करने पर लडकियोंं पर तेजाब डालने की भी घटनाएं हुई हैं ।
छेडछाड़ की अनेक घटनाओं का तो जिक्र महिलाएं या लडकियां शर्म के कारण परिजनों तक से नहीं करती हैं। इसका परिणाम यह होता है कि मनचले बेखौफ हो जाते हैं । जिन घटनाओं की रिपोर्ट दर्ज कराई जाती है, उन्हें पुलिस कोई बहुत गंभीरता से नहीं लेती जिसका नतीजा यह होता है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं हो पाती है ।
नारी स्वतंत्रता और उनके विकास के लिए देखे जा रहे सपनों पर छेडछाड़ की घटनाएं कई सवाल खडे कर देती हैं । क्या वर्तमान सामाजिक परिवेश नारियों के आत्मविश्वास को मजबूत करने में सहायक है? क्यों आज नारी पुरुष के समान निर्भीक होकर सडक पर विचरण नहीं कर पाती है? क्यों आशंकाओं से मुक्त होकर निडरता के साथ नौकरी नहीं कर पाती? क्यों उसे नारी होने के कारण उत्पीडऩ और त्रासदीपूर्ण स्थितियों का सामना करना पड़ता है? इस सवालों पर वैचारिक मंथन करके इनके जवाब तलाश करने होंगे । तभी स्त्री विमर्श सार्थक आकार ले पाएगा ।
दरअसल, आज छेड़छाड़ की समस्या बहुत गंभीर हो गई है । कई लडकियों को छेडछाड़के डर से स्कूल-कॉलेज जाना मुश्किल हो जाता है । महिलाओं को कार्यस्थल पर रहना ही जब त्रासदीपूर्ण लगने लगेगा तो वह रोजगारन्मुखी परिणाम कैसे दे पाएंगी? छेडछाड़ को लेकर जातीय तनाव भी पैदा होने लगा है और हिंसक घटनाएं भी हुई हैं । छेडछाड़ से त्रस्त किशोरी के आत्महत्या कर लेने की दिल दहला देने वाली घटनाएं भी हुई हैं । ऐसे में छेडछाड़ करने पर सख्त सजा देने का प्रावधान करना जरूरी है । बड़ी सजा न होने से छेडछाड़ करने वालों के हौसले बुलंद रहते हैं । इसके लिए पुलिस को भी ऐसे मामलों को गंभीरता से लेना चाहिए । लडकियों और महिलाओं को भी जूडो कराटे जैसे रक्षात्मक प्रशिक्षण हासिल करने चाहिए । अभिभावकों को लडकियों के आत्मविश्वास को मजबूत करने के लिए ऐसे प्रशिक्षण दिलाने में उनकी मदद करनी चाहिए । तभी महिलाएं और लडकियां निर्भीक होकर विकास में अपना योगदान दे पाएंगी । अपने सपनों में कामयाबी के रंग भरकर जीवन को सुंदर बना पाएंगी ।
Friday, September 19, 2008
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9 comments:
सच कहा आपने आज छेड़छाड़ की समस्या बहुत गंभीर हो गई है । कई लडकियों को छेडछाड़के डर से स्कूल-कॉलेज जाना मुश्किल हो जाता है । महिलाओं को कार्यस्थल पर रहना ही जब त्रासदीपूर्ण लगने लगेगा तो वह रोजगारन्मुखी परिणाम कैसे दे पाएंगी? सख्त सजा न होने से छेडछाड़ करने वालों के हौसले बुलंद रहते हैं ।
वर्ड वेिरिफकेशन हटा दें तो िटप्पणी देने वालों को सुिवधा होगी।
कभी-कभार मेरे िचट्ठे www.gustakhimaaph.blogspot.com पर भी ताकझांक कर िलया करें।
सबसे सही इलाज है कालीमिर्च या लाल मिर्च का स्प्रे | आजकल शायद बाजार में उपलब्ध है | जुडो कराटे सिखने में तो बहुत टाइम लगता है |
jaruri hai saja.
सहमत हूँ आपसे.सख्त सजा का प्रवधान बहुत जरुरी है.
वर्ड वेरिपिकेशन हटा लें तो टिप्पणी करने में सुविधा होगी. बस एक निवेदन है.
डेश बोर्ड से सेटिंग में जायें फिर सेटिंग से कमेंट में और सबसे नीचे- शो वर्ड वेरीफिकेशन में ’नहीं’ चुन लें, बस!!!
ऐसे मामलों की रिपोर्ट हर हाल में दर्ज करानी चाहिए। पुलिस का लचर रवैया भी तभी सुधरेगा जब आप रिपोर्ट दर्ज कराएंगे। ऐसी घटनाओं को छिपाने से मनचलों के हौंसले और बढ़ते हैं।
जो लोग लड़कियों के साथ अश्लील हरकतें करते हैं...वो यह क्यों भूल जाते हैं कि उनके घर भी तो मां, बहन और बेटियां होंगी...उनके साथ भी तो यह सब हो सकता है...हमें लगता है कि इस सब के पीछे परिवार के संस्कार भी होते हैं...
सादर नमस्ते !
कृपया निमंत्रण स्वीकारें व अपुन के ब्लॉग सुमित के तडके (गद्य) पर पधारें। "एक पत्र आतंकवादियों के नाम" आपकी टिप्पणी को प्रतीक्षारत है।
sir ability to tell the truth need courage
well written
regards
सुंदर सार्थक और सटीक बधाई
आपको मेरे चिट्ठे पर पधारने हेतु बहुत बहुत धन्यबाद . कृपया अपना आगमन नियमित बनाए रखें
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