Monday, March 14, 2011

ब्लाग पर शोध और ब्लागरों को एकजुट करने को भी हो पुरस्कार

-डॉ. अशोक कुमार मिश्र
ब्लाग के संदर्भ में इधर एक अच्छी बात हुई है कि इसके विकास में बेहतर योगदान देने वालों को पुरस्कृत भी किया जाने लगा है। इस बहाने लोगों को प्रोत्साहित करके ब्लाग की लोकप्रियता और महत्ता बढ़ाई जा सकती है। एक बार मशहूर साहित्यकार गिरिराज किशोर से मैने पूछा था पुरस्कारों की क्या महत्ता है? उन्होंने जवाब दिया जैसे लोग चले जा रहे हों और हम किसी पर टार्च से रोशनी डाल दें। पुरस्कृत करके ब्लागरों की रचनाधर्मिता को आलोकित करने के प्रयासों की निसंदेह प्रशंसा की जानी चाहिए और इसे किस तरह बेहतर बनाया जा सकता है, इस पर भी मंथन चलते रहना चाहिए। ब्लागरों के सम्मेलन हो रहे हैं, पुरस्कार वितरित किए जा रहे हैं, इससे कई नई संभवनाएं जागृत हो रही हैं।
कोई भी सृजनशीलता तब महत्वपूर्ण हो जाती है जब नई पीढ़ी उसके विषय में पढ़े और वह रोजगार से जुड़ जाए। इसीलिए विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में जो विषय शामिल हैं, वह सहजता से लोकप्रिय हो जाते हैं। कई नए क्षेत्रों में शोधकार्य भी चलते रहते हैं। ब्लाग पर भी पिछले वर्ष कई शोधपत्र लिखे गए जिनका प्रकाशन भी हुआ। इसका परिणाम यह हुआ कि जनसंचार के कुछ पाठ्यक्रमों में ब्लाग को जनसंचार के नए माध्यम के रूप में पढ़ाया जाने लगा। ब्लाग पर शोधकार्य होने से इसकी महत्ता में श्रीवृद्धि भी हुई है। इस कार्य और परंपरा को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए लेकिन ब्लाग से जुड़े पुरस्कारों की सूची में शोधकार्य को पुरस्कृत करने की ओर ध्यान नहीं गया है।
इसी तरह ऐसे लोग जिन्होंने ब्लागरों को एकजुट किया, विचार मंथन के लिए मंच प्रदान किया और उसकी गरिमा बढ़ाई, उन्हें भी पुरस्कृत किया जाना चाहिए। यह अलग बात है कि उन्होंने यह कार्य किसी पुरस्कार के लिए नहीं किया। ब्लाग के प्रति समर्पण भाव ही उनके कार्य के पीछे था लेकिन उन्हें पुरस्कृत करकेउनके काम को रेखांकित किया जाना चाहिए।
(फोटो गूगल सर्च से साभार)

14 comments:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

ब्लॉगरों के उत्साहवर्धन में यह उपयोगी कदम है!

अजय कुमार झा said...

आपका सुझाव स्वागतयोग्य है सर । भविष्य में इस ओर भी लोग ध्यान देंगें मुझे पूरा यकीन है

Saleem Khan said...

जापान ही दुनियाँ का पहला देश है जिसने इस्लाम को प्रतिबंधित किया.

ZEAL said...

सराहनीय लेख । सहमत हूँ आपसे ।

vandana gupta said...

आपके कथन से सहमत हूँ …………उत्साहवर्धन की दिशा मे उपयोगी कदम है।

Sushil Bakliwal said...

उत्तम सोच । आभार...

टिप्पणीपुराण और विवाह व्यवहार में- भाव, अभाव व प्रभाव की समानता.

अविनाश वाचस्पति said...

आपकी राय से शत प्रतिशत सहमत। इस बारे में भी 30 अप्रैल 2011 को आयोजित कार्यक्रम में घोषणा की जा सकती है।

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

एकदम सहमत. पते की बात है आपने.

Satish Saxena said...

आपके सुझाव मौलिक हैं अच्छे लगे ! शुभकामनायें आपको !

बालकिशन(kishana jee) said...

अशोक जी मै भी अपने विचार अपने ब्लाग मैँ देशद्रोही के माध्यम से आप सब तक मेरी बात पहुचाने का प्रयत्न कर रहा हुँ कृताय मेरा मार्गदर्शन करँ

manisha sanjeev said...
This comment has been removed by the author.
manisha sanjeev said...

हमें भी ब्लोगर नेशनल अवार्ड और पदम पुरस्कारों की तरह के पुरस्कार शुरू करने में सहयोगी बनना चाहिए

Pravin Dubey said...

आपका ब्लॉग पसंद आया....
कभी फुर्सत मिले तो नाचीज़ की दहलीज़ पर भी आयें-

V M BECHAIN said...

ashok ji aapne ekdm sahi kaha . hmara smrthn aapke sath h