Thursday, October 2, 2008

इस देश के हालात से बापू उदास हैं


दंगे औ फसादात से बापू उदास हैं,
इस देश के हालात से बापू उदास हैं ।

सपनों की जगह आंख में है मौत का मंजर,
हिंसक हुए जजबात से बापू उदास हैं ।

बढते ही जा रहे हैं अंधेरों के हौसले,
जुल्मों की लंबी रात से बापू उदास हैं ।

बंदूक बोलती है कहीं तोप बोलती,
हिंसा की शह और मात से बापू उदास हैं ।

तन पे चले खंजर तो कोई मन पे करे वार
हर पल मिले सदमात से बापू उदास हैं ।

आंसू कहीं बंटते तो कहीं दर्द मिल रहा,
ऐसी अजब सौगात से बापू उदास हैं

रंजन तुम्हारी आंख में क्यों आ गए आंसू,
इतनी जरा सी बात से बापू उदास हैं

-
डॉ. अशोक प्रियरंजन

( फोटो गूगल सर्च से साभार )

27 comments:

परमजीत सिहँ बाली said...

सार्थक रचना है।बधाई स्वीकारें।

makrand said...

बंदूक बोलती है कहीं तोप बोलती,
हिंसा की शह और मात से बापू उदास हैं ।

bahut sunder rahana
regards

Anonymous said...

sach kaha aapne vakai BAAPU bahut udaas honge apne desh ki halat dekh.

PREETI BARTHWAL said...

अशोक जी सच में आज के हालात को अगर बापू देख रहे होते तो सच में उदास ही होते।
अच्छी रचना है आपकी ।

रंजन राजन said...

अच्छी रचना है आपकी ।
आज हमने बापू का हैप्पी बर्थडे मनाया। ...बापू ने कर्म को पूजा माना था, इसलिए बापू के हैप्पी बर्थडे पर देशभर में कामकाज बंद रखा गया। मुलाजिम खुश हैं क्योंकि उन्हें दफ्तर नहीं जाना पड़ा, बच्चे खुश हैं क्योंकि स्कूल बंद थे। इस देश को छुट्टियाँ आज सबसे ज्यादा खुशी देती हैं।

Anil Pusadkar said...

अच्छी और सच्ची रचना।बधाई आपको।

Anonymous said...

इसे जारी रखिए प्रिय जी।
सार्थक रचना। बधाई।

निर्मल गुप्त said...

bipu udas hain.kamzerf logon key mulk may vay kewal udas hi hongey.
nirmal

art said...

satya vachan.....satik vivran

सचिन मिश्रा said...

Bahut badiya.

योगेन्द्र मौदगिल said...

कौन उदासी दूर करेगा बापू की..
इस पीड़ा को कौन हरेगा बापू की..
प्रियरंजन जी गजल आपने खूब कही,
आंख का कुछ पानी ठहरेगा बापू की..

Vineeta Yashsavi said...

gandhi ji ka chitra bahut achha lagya hai apne...
aur likha bhi achha hai

ARVIND KUMAR TIWARI said...

aapka blog behtareen hai.isase aaap apni baate bahut logo tak pahucha sakenge.rachnaye vakai savendna ko jhakjhorti hai.isi tarah likhte rehiye.bahut bahut badhayee.....arvind kumar tiwari,medical college, meerut

श्रद्धा जैन said...

aaj ke halaat waqayi aise hi hai jahan sab jagar aatank faila hua hai

bapu hi nahi sabhi savantrta senani udaas honge ki kya aise hi bharat ke liye unhone jaan di thi

शारदा अरोरा said...

vaah,kya khoob haalaat byaan kiye hain 'baapu udaas hain'.ham aapki gazals kaise pad sakengen?

रज़िया "राज़" said...

वो तो मिसाल दे गये थे एकता कि फ़िर!
ये भेद जात-पात से बापू उदास हैं।

L.Goswami said...

sundar kavita badhayi swikaren ..


..hum sab udas aur natmastak hai par kiya kya ja sakta hai

Satish Saxena said...

बहुत अच्छी कविता पढने को मिली ! शुक्रिया, आप का लेखन प्रभावशाली है !

फ़िरदौस ख़ान said...

दंगे औ फसादात से बापू उदास हैं,
इस देश के हालात से बापू उदास हैं ।

आज के हालात का बेहतर तब्सिरा...

अविनाश वाचस्पति said...

बापू की उदासी मिट न सकेगी
इसलिए हम हुए उदास हैं
अशोक जी हम आपके और
आप हमारे साथ हैं।

Neetu mavi said...

Aapne bapu ki dard bhari awaj ko suna or samjha yadi her vyakti bapu ki aawaj ko sune or samjhe to ek din nisichit des di trakki ho jayegi. Gandhiji ke dard ko samanjhne ke liye dhanywad.

Neetu mavi said...

Aapne bapu ki dard bhari awaj ko suna or samjha yadi her vyakti bapu ki aawaj ko sune or samjhe to ek din nisichit des di trakki ho jayegi. Gandhiji ke dard ko samanjhne ke liye dhanywad.

Neetu mavi said...

Aapne bapu ki dard bhari awaj ko suna or samjha yadi her vyakti bapu ki aawaj ko sune or samjhe to ek din nisichit des di trakki ho jayegi. Gandhiji ke dard ko samanjhne ke liye dhanywad.

राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ ) said...

गांधी की समझ अब किसी को भी इस देश में नहीं रह गई.....उनके नाम पर भी अब सिर्फ़ पाखण्ड ही रह गया है...अब कोई फायदा नहीं रहा उनका नाम लेने का.....बेशक जो गांधी को सम्पूर्ण रूप से समझ ले वो उन्हें शायद ही अस्वीकार कर सके...!!

प्रदीप मानोरिया said...

बहुत खूब आपने अपने विचारों को सुंदर तरीके से व्यक्त किया है आपका मेरे ब्लॉग पर स्वागत है

Manisha Jhalaan said...

Ye halat hmi ne bnaye h hum system ko koste hai jahan k hm khud sikandar kehlate h baapu ka to pta nahi lekin aaj hm sbi desh vasi ek dharmatma k intzar me palke bichaye bethe h. Lekin dharmatama hmare khud k andar h hm bhool chuke h.

Unknown said...

mediclaim

Increadible india