Friday, September 19, 2008

छेड़छाड़ पर हो सख्त सजा

मेरठ में चलती बस में एविदेशी युवती से छेड़छाड़ ी गई । यह युवती भारत ी जिस छवि ो अपने मन में लेर यहां आई होगी, निश्चित रूप से वह जाते समय बदल गई होगी । दरअसल, छेडछाड़ ी घटनाएं लगातार बढती जा रही हैं, जिसा बडा व्याप असर समाज में दिखाई दे रहा है । आधा समाज आज आशंा, दहशत और तनाव े बीच जिंदगी ा सफर तय रता है। आज लडियों ो पढ़ाने े प्रति जागरूता आई है लेिन उना स्ूल आना जाना पूरी तरह सुरक्षित नहीं है । स्ूल आते जाते उन्हें मनचलों और शोहदों ी फब्तियों ा सामना रना पड़ता है । लडियां और महिलाएं घर ी दहलीज से निर रोजगार े विविध क्षेत्रों में योगदान दे रही हैं लेिन घर से दफ्तर त ा सफर महफूज नहीं है । बसों त में लडियों और महिलाओं े साथ छेडछाड़ होती ह ै। ार्यस्थल पर भी महिलाओं े साथ छेडछाड़ी घटनाएं सामने आती रहती हैं? छेडछाड़ ा भय महिलाओं ो हमेशा सताता रहता है । विरोध रने पर उने साथ मारपीट ी जाती है। मेरठ में तो छेडछाड़ ा विरोध रने पर लडियोंं पर तेजाब डालने ी भी घटनाएं हुई हैं ।
छेडछाड़ ी अने घटनाओं ा तो जि्र महिलाएं या लडियां शर्म ारण परिजनों त से नहीं रती हैं। इसा परिणाम यह होता है ि मनचले बेखौफ हो जाते हैं । जिन घटनाओं ी रिपोर्ट दर्ज राई जाती है, उन्हें पुलिस ोई बहुत गंभीरता से नहीं लेती जिसा नतीजा यह होता है ि दोषियों के खिलाफ सख्त ार्रवाई नहीं हो पाती है ।
नारी स्वतंत्रता और उने विास े लिए देखे जा रहे सपनों पर छेडछाड़ ी घटनाएं ई सवाल खडे र देती हैं । क्या वर्तमान सामाजि परिवेश नारियों के आत्मविश्वास ो मजबूत रने में सहाय है? क्यों आज नारी पुरुष े समान निर्भी होर सड पर विचरण नहीं र पाती है? क्यों आशंाओं से मुक्त होर निडरता े साथ नौरी नहीं र पाती? क्यों उसे नारी होने ारण उत्पीडऩ और त्रासदीपूर्ण स्थितियों ा सामना रना पड़ता है? इस सवालों पर वैचारि मंथन े इने जवाब तलाश रने होंगे । तभी स्त्री विमर्श सार्थार ले पाएगा ।
दरअसल, आज छेड़छाड़ ी समस्या बहुत गंभीर हो गई है । ई लडियों ो छेडछाड़े डर से स्ूल-ॉलेज जाना मुश्िल हो जाता है । महिलाओं ार्यस्थल पर रहना ही जब त्रासदीपूर्ण लगने लगेगा तो वह रोजगारन्मुखी परिणाम ैसे दे पाएंगी? छेडछाड़ ो लेर जातीय तनाव भी पैदा होने लगा है और हिंस घटनाएं भी हुई हैं । छेडछाड़ से त्रस्त िशोरी े आत्महत्या र लेने ी दिल दहला देने वाली घटनाएं भी हुई हैं । ऐसे में छेडछाड़ रने पर सख्त सजा देने ा प्रावधान रना जरूरी है । बड़ी सजा न होने से छेडछाड़ रने वालों े हौसले बुलंद रहते हैं । इसे लिए पुलिस ो भी ऐसे मामलों ो गंभीरता से लेना चाहिए । लडियों और महिलाओं ो भी जूडो राटे जैसे रक्षात्म प्रशिक्षण हासिल रने चाहिए । अभिभावों ो लडियों े आत्मविश्वास ो मजबूत रने े लिए ऐसे प्रशिक्षण दिलाने में उनी मदद रनी चाहिए । तभी महिलाएं और लडियां निर्भी होर विास में अपना योगदान दे पाएंगी । अपने सपनों में ामयाबी े रंग भरर जीवन ो सुंदर बना पाएंगी ।

9 comments:

रंजन राजन said...

सच कहा आपने आज छेड़छाड़ की समस्या बहुत गंभीर हो गई है । कई लडकियों को छेडछाड़के डर से स्कूल-कॉलेज जाना मुश्किल हो जाता है । महिलाओं को कार्यस्थल पर रहना ही जब त्रासदीपूर्ण लगने लगेगा तो वह रोजगारन्मुखी परिणाम कैसे दे पाएंगी? सख्त सजा न होने से छेडछाड़ करने वालों के हौसले बुलंद रहते हैं ।
वर्ड वेिरिफकेशन हटा दें तो िटप्पणी देने वालों को सुिवधा होगी।
कभी-कभार मेरे िचट्ठे www.gustakhimaaph.blogspot.com पर भी ताकझांक कर िलया करें।

Vivek Gupta said...

सबसे सही इलाज है कालीमिर्च या लाल मिर्च का स्प्रे | आजकल शायद बाजार में उपलब्ध है | जुडो कराटे सिखने में तो बहुत टाइम लगता है |

सचिन मिश्रा said...

jaruri hai saja.

Udan Tashtari said...

सहमत हूँ आपसे.सख्त सजा का प्रवधान बहुत जरुरी है.

वर्ड वेरिपिकेशन हटा लें तो टिप्पणी करने में सुविधा होगी. बस एक निवेदन है.

डेश बोर्ड से सेटिंग में जायें फिर सेटिंग से कमेंट में और सबसे नीचे- शो वर्ड वेरीफिकेशन में ’नहीं’ चुन लें, बस!!!

Anonymous said...

ऐसे मामलों की रिपोर्ट हर हाल में दर्ज करानी चाहिए। पुलिस का लचर रवैया भी तभी सुधरेगा जब आप रिपोर्ट दर्ज कराएंगे। ऐसी घटनाओं को छिपाने से मनचलों के हौंसले और बढ़ते हैं।

फ़िरदौस ख़ान said...

जो लोग लड़कियों के साथ अश्लील हरकतें करते हैं...वो यह क्यों भूल जाते हैं कि उनके घर भी तो मां, बहन और बेटियां होंगी...उनके साथ भी तो यह सब हो सकता है...हमें लगता है कि इस सब के पीछे परिवार के संस्कार भी होते हैं...

Sumit Pratap Singh said...

सादर नमस्ते !

कृपया निमंत्रण स्वीकारें व अपुन के ब्लॉग सुमित के तडके (गद्य) पर पधारें। "एक पत्र आतंकवादियों के नाम" आपकी टिप्पणी को प्रतीक्षारत है।

makrand said...

sir ability to tell the truth need courage
well written
regards

प्रदीप मानोरिया said...

सुंदर सार्थक और सटीक बधाई
आपको मेरे चिट्ठे पर पधारने हेतु बहुत बहुत धन्यबाद . कृपया अपना आगमन नियमित बनाए रखें